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तुलनात्मक लोक-प्रशासन-Tulnatmak lok Prashashan – (TEXT BOOK)- By Dr. Avasthi

225.25527.00

Tulnatmak lok Prashashan – , By – Dr. Avasthi, ISBN Code – 978-93-88297-37-0

 

(लोक सेवा, पी. एस. सी. और एम. ए. के छात्रों के लिए)

इस पुस्तक में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत रूस और भारत के लोक प्रशासन का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। हिन्दी भाषा में तुलनात्मक दृष्टि से लिखी पुस्तक नहीं है। अतः हिन्दी-भाषी पाठकों की सुविधा हेतु एवं हिन्दी भाषा की सेवा भावना से प्रेरित होकर हिन्दी में तुलनात्मक लोक प्रशासन पुस्तक लिखने का विचार मन में उत्पन्न हुआ। यथासम्भव पाठ्यक्रम के समस्त विषयों को पुस्तक में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है। मौलिकता का दावा न करते हुए पुस्तक छात्रों के लिए लिखी गयी है। आशा है पुस्तक हिन्दी-भाषी छात्रों की कठिनाई का समाधान करने में सहायक सिद्ध होगी। पाठकों से पुस्तक में सुधार हेतु सुझाव आमन्त्रित हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि प्रशासन के समस्त नवीन आँकड़ों का प्राप्त करना सरल कार्य नहीं है। अनेक मामले तो गोपनीय बने रहते हैं। आँकड़े मिलते हैं वह भी विलम्ब के बाद। अतः इस पुस्तक के साथ समाचार-पत्रों को पढ़ना आवश्यक है क्योंकि नवीन परिवर्तन इन्हीं में पहले छपते हैं।

‘तुलनात्मक लोक प्रशासन’ का तृतीय संशोधित संस्करण पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हर्ष हो रहा है। नवीन संस्करण में आवश्यकतानुसार नवीन उपलब्ध सामग्री सम्मिलित की गयी है। साथ में चार नवीन अध्याय भी सम्मिलित किये गये हैं। ये अध्याय हैं: आदर्श नौकरशाही के सन्दर्भ में मैक्स केयर का प्रारूप, नागरिक एवं प्रशासन, नागरिकों के अभियोग निवारण यन्त्रों का तुलनात्मक अध्ययन तथा तुलनात्मक लोक प्रशासन में सिद्धान्त निर्माण। इन अध्यायों को सम्मिलित करके पुस्तक के पाठकों के लिए अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है।

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Description

Tulnatmak lok Prashashan – , By – Dr. Avasthi, ISBN Code – 978-93-88297-37-0

 

(लोक सेवा, पी. एस. सी. और एम. ए. के छात्रों के लिए)

इस पुस्तक में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत रूस और भारत के लोक प्रशासन का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। हिन्दी भाषा में तुलनात्मक दृष्टि से लिखी पुस्तक नहीं है। अतः हिन्दी-भाषी पाठकों की सुविधा हेतु एवं हिन्दी भाषा की सेवा भावना से प्रेरित होकर हिन्दी में तुलनात्मक लोक प्रशासन पुस्तक लिखने का विचार मन में उत्पन्न हुआ। यथासम्भव पाठ्यक्रम के समस्त विषयों को पुस्तक में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है। मौलिकता का दावा न करते हुए पुस्तक छात्रों के लिए लिखी गयी है। आशा है पुस्तक हिन्दी-भाषी छात्रों की कठिनाई का समाधान करने में सहायक सिद्ध होगी। पाठकों से पुस्तक में सुधार हेतु सुझाव आमन्त्रित हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि प्रशासन के समस्त नवीन आँकड़ों का प्राप्त करना सरल कार्य नहीं है। अनेक मामले तो गोपनीय बने रहते हैं। आँकड़े मिलते हैं वह भी विलम्ब के बाद। अतः इस पुस्तक के साथ समाचार-पत्रों को पढ़ना आवश्यक है क्योंकि नवीन परिवर्तन इन्हीं में पहले छपते हैं।

‘तुलनात्मक लोक प्रशासन’ का तृतीय संशोधित संस्करण पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हर्ष हो रहा है। नवीन संस्करण में आवश्यकतानुसार नवीन उपलब्ध सामग्री सम्मिलित की गयी है। साथ में चार नवीन अध्याय भी सम्मिलित किये गये हैं। ये अध्याय हैं: आदर्श नौकरशाही के सन्दर्भ में मैक्स केयर का प्रारूप, नागरिक एवं प्रशासन, नागरिकों के अभियोग निवारण यन्त्रों का तुलनात्मक अध्ययन तथा तुलनात्मक लोक प्रशासन में सिद्धान्त निर्माण। इन अध्यायों को सम्मिलित करके पुस्तक के पाठकों के लिए अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है।