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मुद्रा बैंकिंग एवं लोक वित्त – MUDRA BANKING EVAM LOK VIT (TEXT BOOK)- By Dr. T.T. Sethi- (राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 U.G.C.-C.B.C.S. के पाठ्यक्रमानुसार) (NEP) FOR B.A Student

268.00608.00

मुद्रा बैंकिंग एवं लोक वित्त -MUDRA BANKING EVAM LOK VIT By- Dr. T.T Sethi,  ISBN:-978-93-89918-34-2

(राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 U.G.C.-C.B.C.S. के पाठ्यक्रमानुसार)

इस पुस्तक की विषय सूची इस प्रकार है

  1. मुद्रा की परिभाषा एवं कार्य
  2. मुद्रा का वर्गीकरण
  3. मुद्रा का महत्त्व
  4. मुद्रामान
  5. ग्रेशम का नियम
  6. पत्र-मुद्रामान
  7. मुद्रा की पूर्ति एवं माँग
  8. मुद्रा-मूल्य की माप-निर्देशांक
  9. मुद्रा परिमाण सिद्धान्त-नकद-भुगतान तथा नकद-शेष दृष्टिकोण
  10. मुद्रा-मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा बचत एवं निवेश सिद्धान्त
  11. बैंक-उनके कार्य तथा विविध रूप
  12. साख एवं साख-निर्माण
  13. बैंक की कार्य-प्रणाली तथा स्थिति-विवरण
  14. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग का विकास
  15. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ
  16. बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
  17. केन्द्रीय बैंकिंग
  18. साख-नियन्त्रण की रीतियाँ
  19. भारतीय रिजर्व बैंक
  20. भारतीय रिजर्व बैंक की साख-नियन्त्रण नीति
  21. मौद्रिक नीति
  22. भारतीय मुद्रा-बाजार
  23. वित्तीय संस्थाएँ

लोक-वित्त की प्रकृति तथा क्षेत्र
1. लोक-वित्त: अर्थ एवं सिद्धान्त

लोक-व्यय
2. लोक-व्यय की प्रकृति एवं सिद्धान्त

करारोपण
3. राजस्व के विभिन्न साधन

4. करारोपण के सिद्धान्त एवं समस्याएँ

सार्वजनिक ऋण तथा वित्तीय प्रशासन
5. सार्वजनिक ऋण

6. बजट

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Description

मुद्रा बैंकिंग एवं लोक वित्त -MUDRA BANKING EVAM LOK VIT By- Dr. T.T Sethi,  ISBN:-978-93-89918-34-2

(राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 U.G.C.-C.B.C.S. के पाठ्यक्रमानुसार)

इस पुस्तक की विषय सूची इस प्रकार है

  1. मुद्रा की परिभाषा एवं कार्य
  2. मुद्रा का वर्गीकरण
  3. मुद्रा का महत्त्व
  4. मुद्रामान
  5. ग्रेशम का नियम
  6. पत्र-मुद्रामान
  7. मुद्रा की पूर्ति एवं माँग
  8. मुद्रा-मूल्य की माप-निर्देशांक
  9. मुद्रा परिमाण सिद्धान्त-नकद-भुगतान तथा नकद-शेष दृष्टिकोण
  10. मुद्रा-मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा बचत एवं निवेश सिद्धान्त
  11. बैंक-उनके कार्य तथा विविध रूप
  12. साख एवं साख-निर्माण
  13. बैंक की कार्य-प्रणाली तथा स्थिति-विवरण
  14. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग का विकास
  15. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ
  16. बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
  17. केन्द्रीय बैंकिंग
  18. साख-नियन्त्रण की रीतियाँ
  19. भारतीय रिजर्व बैंक
  20. भारतीय रिजर्व बैंक की साख-नियन्त्रण नीति
  21. मौद्रिक नीति
  22. भारतीय मुद्रा-बाजार
  23. वित्तीय संस्थाएँ

लोक-वित्त की प्रकृति तथा क्षेत्र
1. लोक-वित्त: अर्थ एवं सिद्धान्त

लोक-व्यय
2. लोक-व्यय की प्रकृति एवं सिद्धान्त

करारोपण
3. राजस्व के विभिन्न साधन

4. करारोपण के सिद्धान्त एवं समस्याएँ

सार्वजनिक ऋण तथा वित्तीय प्रशासन
5. सार्वजनिक ऋण

6. बजट