मुद्रा बैंकिंग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं राजस्व | Mudra Banking Antarrashtriya Vyapar Evam rajasva-(TEXT BOOK)- By Dr. T.T. Sethi
₹328.00 – ₹816.00
मुद्रा बैंकिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं राजस्व | Mudra Banking and Antarrashtreey Vyaapaar Evam -raajasv – , By – Dr. T.T. Sethi, ISBN Code – 978-93-88297-80-0
इस पुस्तक की विषय सूची इस प्रकार है-
प्रथम खण्ड : मूल अवधारणाएँ
1. मुद्रा की परिभाषा एवं कार्य
2. मुद्रा का वर्गीकरण
3. मुद्रा का महत्व
4. मुद्रामान
5. ग्रेषम का नियमं
6. पत्र-मुद्रामानò
द्वितीय खण्ड: मुद्रा का मूल्य तथा मुद्रा-स्फीति
7. मुद्रा की पूर्ति एवं माँग
8. मुद्रा-मूल्य की माप-निर्देषांक
9. मुद्रा परिमाण सिद्धान्त-नकद-भुगतान तथा नकद-षेष दृष्टिकोण
10. मुद्रा-मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा बचत एवं निवेष सिद्धान्त
11. मुद्रा-स्फीति, अवस्फीति एवं संस्फीति
12. मुद्रा-स्फीति के सैद्धान्तिक आधार
तृतीय खण्ड: वाणिज्यिक बैंकिंग
13. बैंक-उनके कार्य तथा विविध रूप
14. साख एवं साख-निर्माण
15. बैंक की कार्य-प्रणाली तथा स्थिति-विवरण
16. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ
17. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ
18. बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
चतुर्थ खण्ड: केन्द्रीय बैंकिंग
19. केन्द्रीय बैंकिंग
20. साख-नियन्त्रण की रीतियाँ
21. भारतीय रिजर्व बैंक
22. भारतीय रिजर्व बैंक की साख-नियन्त्रण नीति
23. मौद्रिक नीति
प्ंचम खण्ड: मुद्रा-बाजार
24. भारतीय मुद्रा-बाजार
25. वित्तीय संस्थाएँ
षष्ठम् खण्ड: विदेषी विनिमय
26. विदेषी विनिमय एवं विनिमय-दर
27. विनिमय-नियन्त्रण
28. भुगतान-सन्तुलन
29. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष
30. विष्व बैंक एवं अन्य अन्र्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ
31. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त
लेक-वित्त की प्रकृति तथा क्षेत्र
1. लोक-वित्त: अर्थ एवं सिद्धान्त
लोक-व्यय
2. लोक-व्यय की प्रकृति एवं सिद्धान्त
क्रारोपण
3. राजस्व के विभिन्न साधन
4. करारोपण के सिद्धान्त एवं समस्याएँ
सार्वजनिक ऋण तथा वित्तीय प्रषासन
5. सार्वजनिक ऋण
6. बजट
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Description
मुद्रा बैंकिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं राजस्व | Mudra Banking and Antarrashtreey Vyaapaar Evam -raajasv – , By – Dr. T.T. Sethi, ISBN Code – 978-93-88297-80-0
इस पुस्तक की विषय सूची इस प्रकार है-
प्रथम खण्ड : मूल अवधारणाएँ
1. मुद्रा की परिभाषा एवं कार्य
2. मुद्रा का वर्गीकरण
3. मुद्रा का महत्व
4. मुद्रामान
5. ग्रेषम का नियमं
6. पत्र-मुद्रामानò
द्वितीय खण्ड: मुद्रा का मूल्य तथा मुद्रा-स्फीति
7. मुद्रा की पूर्ति एवं माँग
8. मुद्रा-मूल्य की माप-निर्देषांक
9. मुद्रा परिमाण सिद्धान्त-नकद-भुगतान तथा नकद-षेष दृष्टिकोण
10. मुद्रा-मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा बचत एवं निवेष सिद्धान्त
11. मुद्रा-स्फीति, अवस्फीति एवं संस्फीति
12. मुद्रा-स्फीति के सैद्धान्तिक आधार
तृतीय खण्ड: वाणिज्यिक बैंकिंग
13. बैंक-उनके कार्य तथा विविध रूप
14. साख एवं साख-निर्माण
15. बैंक की कार्य-प्रणाली तथा स्थिति-विवरण
16. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ
17. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ
18. बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
चतुर्थ खण्ड: केन्द्रीय बैंकिंग
19. केन्द्रीय बैंकिंग
20. साख-नियन्त्रण की रीतियाँ
21. भारतीय रिजर्व बैंक
22. भारतीय रिजर्व बैंक की साख-नियन्त्रण नीति
23. मौद्रिक नीति
प्ंचम खण्ड: मुद्रा-बाजार
24. भारतीय मुद्रा-बाजार
25. वित्तीय संस्थाएँ
षष्ठम् खण्ड: विदेषी विनिमय
26. विदेषी विनिमय एवं विनिमय-दर
27. विनिमय-नियन्त्रण
28. भुगतान-सन्तुलन
29. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष
30. विष्व बैंक एवं अन्य अन्र्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ
31. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त
लेक-वित्त की प्रकृति तथा क्षेत्र
1. लोक-वित्त: अर्थ एवं सिद्धान्त
लोक-व्यय
2. लोक-व्यय की प्रकृति एवं सिद्धान्त
क्रारोपण
3. राजस्व के विभिन्न साधन
4. करारोपण के सिद्धान्त एवं समस्याएँ
सार्वजनिक ऋण तथा वित्तीय प्रषासन
5. सार्वजनिक ऋण
6. बजट
Additional information
Weight | 0.8 kg |
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Dimensions | 24 × 16 × 2 cm |
Cover Type | Hard Bound Edition, Paper Back Edition |
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