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मुद्रा बैंकिंग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं राजस्‍व | Mudra Banking Antarrashtriya Vyapar Evam rajasva-(TEXT BOOK)- By Dr. T.T. Sethi

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मुद्रा बैंकिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं राजस्‍व |  Mudra Banking and Antarrashtreey Vyaapaar Evam -raajasv – , By – Dr. T.T. Sethi, ISBN Code – 978-93-88297-80-0

 

इस पुस्तक की विषय सूची इस प्रकार है-
प्रथम खण्ड : मूल अवधारणाएँ
1. मुद्रा की परिभाषा एवं कार्य

2. मुद्रा का वर्गीकरण

3. मुद्रा का महत्व

4. मुद्रामान

5. ग्रेषम का नियमं

6. पत्र-मुद्रामानò

द्वितीय खण्ड: मुद्रा का मूल्य तथा मुद्रा-स्फीति

7. मुद्रा की पूर्ति एवं माँग

8. मुद्रा-मूल्य की माप-निर्देषांक

9. मुद्रा परिमाण सिद्धान्त-नकद-भुगतान तथा नकद-षेष दृष्टिकोण

10. मुद्रा-मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा बचत एवं निवेष सिद्धान्त

11. मुद्रा-स्फीति, अवस्फीति एवं संस्फीति

12. मुद्रा-स्फीति के सैद्धान्तिक आधार
तृतीय खण्ड: वाणिज्यिक बैंकिंग
13. बैंक-उनके कार्य तथा विविध रूप

14. साख एवं साख-निर्माण

15. बैंक की कार्य-प्रणाली तथा स्थिति-विवरण

16. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ

17. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ

18. बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
चतुर्थ खण्ड: केन्द्रीय बैंकिंग
19. केन्द्रीय बैंकिंग

20. साख-नियन्त्रण की रीतियाँ

21. भारतीय रिजर्व बैंक

22. भारतीय रिजर्व बैंक की साख-नियन्त्रण नीति

23. मौद्रिक नीति
प्ंचम खण्ड: मुद्रा-बाजार
24. भारतीय मुद्रा-बाजार

25. वित्तीय संस्थाएँ
षष्ठम् खण्ड: विदेषी विनिमय
26. विदेषी विनिमय एवं विनिमय-दर

27. विनिमय-नियन्त्रण

28. भुगतान-सन्तुलन

29. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष

30. विष्व बैंक एवं अन्य अन्र्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ

31. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त
लेक-वित्त की प्रकृति तथा क्षेत्र
1. लोक-वित्त: अर्थ एवं सिद्धान्त
लोक-व्यय
2. लोक-व्यय की प्रकृति एवं सिद्धान्त
क्रारोपण
3. राजस्व के विभिन्न साधन

4. करारोपण के सिद्धान्त एवं समस्याएँ
सार्वजनिक ऋण तथा वित्तीय प्रषासन
5. सार्वजनिक ऋण

6. बजट

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Description

मुद्रा बैंकिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं राजस्‍व |  Mudra Banking and Antarrashtreey Vyaapaar Evam -raajasv – , By – Dr. T.T. Sethi, ISBN Code – 978-93-88297-80-0

 

इस पुस्तक की विषय सूची इस प्रकार है-
प्रथम खण्ड : मूल अवधारणाएँ
1. मुद्रा की परिभाषा एवं कार्य

2. मुद्रा का वर्गीकरण

3. मुद्रा का महत्व

4. मुद्रामान

5. ग्रेषम का नियमं

6. पत्र-मुद्रामानò

द्वितीय खण्ड: मुद्रा का मूल्य तथा मुद्रा-स्फीति

7. मुद्रा की पूर्ति एवं माँग

8. मुद्रा-मूल्य की माप-निर्देषांक

9. मुद्रा परिमाण सिद्धान्त-नकद-भुगतान तथा नकद-षेष दृष्टिकोण

10. मुद्रा-मूल्य का आय सिद्धान्त अथवा बचत एवं निवेष सिद्धान्त

11. मुद्रा-स्फीति, अवस्फीति एवं संस्फीति

12. मुद्रा-स्फीति के सैद्धान्तिक आधार
तृतीय खण्ड: वाणिज्यिक बैंकिंग
13. बैंक-उनके कार्य तथा विविध रूप

14. साख एवं साख-निर्माण

15. बैंक की कार्य-प्रणाली तथा स्थिति-विवरण

16. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ

17. भारत में वाणिज्यिक बैंकिंग की गतिविधियाँ

18. बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
चतुर्थ खण्ड: केन्द्रीय बैंकिंग
19. केन्द्रीय बैंकिंग

20. साख-नियन्त्रण की रीतियाँ

21. भारतीय रिजर्व बैंक

22. भारतीय रिजर्व बैंक की साख-नियन्त्रण नीति

23. मौद्रिक नीति
प्ंचम खण्ड: मुद्रा-बाजार
24. भारतीय मुद्रा-बाजार

25. वित्तीय संस्थाएँ
षष्ठम् खण्ड: विदेषी विनिमय
26. विदेषी विनिमय एवं विनिमय-दर

27. विनिमय-नियन्त्रण

28. भुगतान-सन्तुलन

29. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा-कोष

30. विष्व बैंक एवं अन्य अन्र्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ

31. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के सिद्धान्त
लेक-वित्त की प्रकृति तथा क्षेत्र
1. लोक-वित्त: अर्थ एवं सिद्धान्त
लोक-व्यय
2. लोक-व्यय की प्रकृति एवं सिद्धान्त
क्रारोपण
3. राजस्व के विभिन्न साधन

4. करारोपण के सिद्धान्त एवं समस्याएँ
सार्वजनिक ऋण तथा वित्तीय प्रषासन
5. सार्वजनिक ऋण

6. बजट

Additional information

Weight 0.8 kg
Dimensions 24 × 16 × 2 cm
Cover Type

Hard Bound Edition, Paper Back Edition

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